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गठबन्धन के एक दाव ने  भाजपा के माथे पर ला दिया बल

दो बार से भाजपा के खाते की सीट पर देश के गृहमंत्री, रक्षामंत्री को सम्भालनी पड़ रही कमान, मुख्यमंत्री को दो -दो बार करनी पड़ी सभा

Chandauli news: वर्ष 2014 व 2019 के लोकसभा में बीजेपी के खाते वाली लोकसभा सीट पर इंडिया गठबन्धन ने प्रत्याशी का ऐसा दाव चलाया जिससे बीजेपी खेमें में हड़कम्प मचा दिया। इस सीट को भाजपा खुद कड़ी मुकाबला वाली सीट मानकर बैठ गयी। जिसका परिणाम यह हुआ कि भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले गृहमंत्री अमित शाह से लेकर देश के रक्षामंत्री को कमान सम्भालनी पड़ गयी है।

फोटो: भाजपा समर्थकों के साथ तारांकिता पांडेय

इन नेताओं के सभा कार्यक्रम के अलावा बीजेपी के फायर ब्रांड नेता व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक नही बल्कि दो- दो सभा करनी पड़ गयी। इसके अलावा केशव प्रसाद मौर्य का जनसभा कराया गया। यही नही पिछले लोकसभा में प्रदेश अध्यक्ष के रुप में जिम्मेदारी संभाल रहे डॉक्टर महेंद्र नाथ प्रत्याशी रहते हुए भी अपने लोकसभा से ज्यादा समय अन्य प्रत्याशियों को दिए थे। लेकिन 2024 के चुनाव में जब से बिगुल बजा है लगातार तीन माह से दिन रात एक कर जनता के बीच पहुंच रहे है। हालांकि पिछले चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चुनावी सभा किया था। लेकिन इस बार उनके जनसभा का अंदेशा कम दिखाई दे रहा है।

फोटो: कार्यकर्ताओ के साथ प्रचार करती तारांकिता पाण्डेय

इसके अलावा 46 डिग्री तापमान में परिवार के सदस्य भी चुनावी मैदान में घर घर जाकर वोट मांग रहे है। मंगलवार को सकलडीहा विधानसभा में डॉ महेंद्र नाथ पांडेय की बेटी तारांकिता पांडेय दर्जनों कार्यकर्ताओं के साथ सकलडीहा बाजार, ताजपुर सहित आधा दर्जन गांव में घर घर जाकर पिता के पक्ष में चुनाव प्रचार करते दिखीं।

मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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One Comment

  1. जिस तरह विद्यार्थियों को पूरे साल नियमित पढ़ाई करनी चाहिए और परीक्षा के समय शांत चित्त हो कर बस पढ़े पाठों को एक जगह बैठ मन ही मन दुहराना चाहिए।यही नियम विधायकों,सांसदों पर लागू होता है। सालों आरामतलबी या फीता काटने में बिता चुके ये नेता चुनाव के समय फिसड्डी विद्यार्थी की तरह रात रात भर जगते हैं। घर वालों को भी तंग करते हैं।वीरेंद्र सिंह ने इस क्षेत्र में कभी भ्रमण भी किया हो।यह कभी नही सुना।दशकों पहले सकलडीहा कॉलेज में पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम में मंत्री के रूप में आए थे।दोनो प्रत्याशियों से अब कोई आशा नही है। पर लगे रहें दोनो। जब तक सांस है तब तक आस है।

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