मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार चयन में भ्रस्टाचार का बोलबाला
Chandauli news: मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार चयन में उन गांवों को वरीयता दिया गया जो साहब के ऑफिस तक भ्रस्टाचार की उन सीढ़ियों को चढ़कर पहुंचे। जो लोग साहब के लगाए सीढ़ी की बजाय अपने आप को सरकारी मानकों को पूरा करने में ऊर्जा खर्च किये उन लोंगो को दरकिनार कर दिया गया।
मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन के तहत चयन होने वाले ग्राम पंचायतों को प्रथम , द्वितीय, तृतीय , चतुर्थ व पंचम स्थान पाने वाले ग्राम पंचायत को शासन की तरफ से क्रमशः 35,30,20, 15 व 10 लाख रुपये का अतिरिक्त धनराशि दी जाती है। जिसका शोशल ऑडिट नही है। ऐसे में उक्त धनराशि को पाने की इच्छा हर ग्राम प्रधान व सेकेट्री को होती है। हालांकि शासन ने इसके लिए “थीम नाइन” एक योजना बनायी है। इस थीम नाइन के अंतर्गत 09 बिंदु पर ग्राम सभा को खरा उतरना होता है। जिसके लिए 100 अंक निर्धारित है।
इस 09 बिंदु के आधार पर अंक पाने वाले ग्राम पंचायतों को मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार योजना से लाभान्वित किया जाता है। इसके लिए ”हमारी पंचायत पोर्टल” पर इछुक ग्राम पंचायतों को आवेदन करना होता है। लेकिन यह सब नियम कानून केवल कागजी कोरमपूर्ती के लिए इस जिले में है। कारण की एक साहब जिनके उपर पावर फूल ड्योढ़ी का आशीर्वाद है। दोनों हाथ से समेटने की फितरत के आगे सारी की सारी नियम कानून को ताख पर रख दिया गया। यहाँ एक अलग ही नियम बना सूत्रों की मानें तो जिन ग्राम पंचायतों का चयन हुआ उसके लिए यह शर्त था कि पुरस्कार राशि का एक भाग चयन होने से पूर्ण चढ़ावा के रूप में देना होगा।
साहब के इस शर्त को उनलोंगो ने बखूबी स्वीकार किया जिन्हें थीम नाइन के बजाय साहब के नियम काफी पसंद आये। हमारी पंचायत पोर्टल पर आवेदन करने के बाद जैसे ही चयनित गांव सार्वजनिक हुए उसके बाद ग्राम प्रधानों ने हंगामा भी किया। ग्राम प्रधानों का कहना था कि जिस गांव का चयन किया गया वह गांव कहीं से भी मानक पर नही है। जबकि मानक वाले गांव का चयन हो गया। उसमें एक दो गांव तो ऐसे भी जहां के प्रधान साहब के रिश्तेदारी में आते है।
पंचायत प्रोत्साहन के लिए यह है थीम नाइन और उसके अंक
1: गरीब मुक्त गांव – 10 अंक
2: स्वस्थ्य गांव- 10 अंक
3: बाल मैत्री गांव- 10 अंक
4: पर्याप्त जल युक्त गांव: 10 अंक
5: स्वच्छ एवं हरित गांव: 10 अंक
6: आत्म निर्भर बुनियादी ढांचा वाला गांव: 10अंक
7: सामाजिक रूप से सुरक्षित गांव: 10 अंक
8: सुशासन वाला गांव: 20 अंक
9: महिला हितैशी वाला गांव: 10 अंक
ऐसे होता है चयन:
“हमारी पंचायत पोर्टल” पर आवेदन करने वाले ग्राम पंचायतों का थीम नाइन के अंतर्गत इंडिकेटर की जांच के लिए एक कमेटी बनती है। जिसमें जिलाधिकारी पदेन अध्यक्ष होते हैं। जबकि सीडीओ उपाध्यक्ष, डीपीआरओ सचिव, सीएमओ, जिला विकास अधिकारी, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी, अपर मुख्य अधिकारी जिलापंचायत सदस्य होते हैं। यह सभी लोग आवेदक गांव का थीम नाइन इंडिकेटर्स के तहत जांच कर रिपोर्ट देते है। लेकिन विभागीय सूत्रों का कहना है कि यह सब कार्य एक दो गांव को छोड़कर अन्य चयनित गांव में नही किया गया। जबकि जो गांव चयनित हुए उससे काफी अच्छे अच्छे गांव जो उक्त गांव में जाने के साथ ही अपने आप में चयन होने का मानक पूर्ण करते है। उन गांवों को इस सूची से अलग कर दिया गया।
इन गांवों का हुआ है चयन: धानापुर विकास खण्ड के कवलपुरा को प्रथम, सराय पकवान को द्वितीय, मैंढी को तृतीय, कम्हारी को चतुर्थ व पलियां को पांचवे स्थानपर चयन कर पुरस्कृत कराया गया।