आस्था पर मुनाफाखोरों की कटीं चांदी, नियंत्रण के लिए कोई जिम्मेदार नहीं
Chandauli news: सूर्योपासना का महापर्व डाला छठ पर मुनाफ़ाख़ोरों की चांदी कटी। हालांकि आस्थावानों ने इनके व्यवहार को नजर अंदाज करते हुए अपने जेब को ढीला करते हुए खरीदारी कर अपने अनुष्ठान को पूरा किया।
चार दिवसीय डाला छठ के तीसरे दिन अस्ताचली सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसके लिए देर रात्रि से प्रसाद बनाने का क्रम जारी हो गया। परिवार के सदस्य फल, माला व गन्ना खरीदने के लिए बाजार पहुंचे। फल ब्यवसाई छठ को देखते हुए फलों के कीमत में बेतहाशा वृद्धि कर दिया।
सामान्य दिनों में 100 रुपये में बिकने वाला सेव 120- 140₹ किलो बिका, जबकि अनार 180- 200₹ किलो बिका। अन्नानास 100₹/ पीस बिका। फलों की बात तो दूर गन्ना की कीमत तो इस कदर बढ़ा मानो गन्ना के एक एक गांठ का रेट लग गया। 10- 15₹ प्रति गिलास गन्ना का जूस सामान्य दिनों में मिल जाता है। जबकि छठ के दिन एक गन्ना की कीमत 100- 150₹ / नग बिक गया। कुछ स्थानों पर तो 500- 600₹ गांठ जिसमें 05 नग गन्ना बंधा था।
गन्ने की कीमत में अचानक बढोत्तरी देख फल खरीदने वालों से कुछ तकझक भी शुरु हो गया। हालांकि पूजा के दिन मुनाफ़ाख़ोरों को कोसते हुए आस्थावान खरीदारी कर घर लौट गए। उधर खरीदारों के कारण बाजारों में जाम की स्थिति बनी रही।