चारदिवसीय छठ पर्व के तीसरे दिन व्रतियों ने भगवान भाष्कर का किया पूजन
Chandauli news: कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाय…., जोड़े जोड़े नारियल के …. केला के पत्ता पर नेवता पठवले, दीनानाथ… इस तरह की पारम्परिक गीत गाते हुए छठ व्रती शाम को पूजन स्थल पहुंचकर अस्ताचल भगवान भाष्कर को अर्घ्य दिया।
कार्तिक मास के महाआस्था सूर्योपासना व्रत में रविवार को गंगा घाट व तालाब पर पहुंचकर भगवान का पूजन अर्चन की। इसके लिए व्रतियों के परिजन फलो व ठेकुआ से भरी दऊरा को अपने कंधे पर लेकर पूजा घाट तक पहुंचाए। व्रती महिलाएं हाथ में कलश लिए घाट तक पहुंची।
नगर के प्राचीन काली माता मंदिर, साव जी पोखरा, डीडीयू नगर में मानसरोवर, दामोदरदास तालाब, चकिया के काली माता मंदिर के साथ साथ सकलडीहा के शिव सरोवर पर व्रती महिलाएं पहुंचकर की। वही ग्रामीण क्षेत्र में भी महिलाएं अपने परम्परागत स्थान पर पहुंचकर भगवान भाष्कर को अर्घ्य दिया।
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस के दस्ता भीड़ भाड़ वाले पूजा स्थल पर चक्रमण करती रही। नगर के सब जी पोखरा पर नेशनल हाइवे पार कर पहुंचना था। इसके लिए कोतवाली पुलिस जेब्रा लाइन पर मुस्तैदी के साथ जुटी रही।