पुरुषोत्तम माह का अनुष्ठान एक हजार गुना अधिक देता है फल- कौशलेन्द्र
पुरुषोत्तम मास में किये गए जप से प्रसन्न हो जाते है भगवान विष्णु
Chandauli news: सावन माह इस बार पूरे दो माह का है। इस माह में पूजन से भगवान रुद्र के साथ साथ जगत के पालनहार भगवान विष्णु भी खुश हो जाते है। जबकि पुरुषोत्तम मास में किये गए अनुष्ठान का हजारगुना फल मिलता है।
कर्मकांड के प्रकांड विद्वान आचार्य पंडित कौशलेन्द्र पांडेय कहते है कि अधिमास। कुछ लोग इसे खरमास भी कहते है। उन्होंने बताया कि हर माह का अधिष्ठाता देवता हुए। लेकिन इस अधिमास का स्वामित्व बनने के लिए कोई देवता तैयार नही हुए। इसके बाद अधिमास ने अपनी समस्या को लेकर जगत के पालनहार भगवान विष्णु के यहां गए। भगवान विष्णु से अपनी समस्या रखते हुए कहा कि कोई स्वामित्व के लिए तैयार नही हो रहा। तब भगवान विष्णु ने कहा कि अधिमास का स्वामित्व वह खुद करेंगे। अब से इस अधिमास को पुरुषोत्तम मास के नाम से जाना जाएगा। भगवान विष्णु ने कहा कि इस मास में किया गया अनुष्ठान 1000 गुणा फल देगा।
पंडित कौशलेन्द्र ने बताया कि इस पुरुषोत्तम मास का वर्णन पद्मपुराण में कहा गया है…“मम प्रियतमोत्यन्तम् मासोयं पुरुषोत्तमः, अस्याह्म सततं विप्र स्वामित्वे पर्यवस्थतिः” अर्थात नारायण कहते है कि पुरुषोत्तम मास मुझे अत्यंत प्रिय है। अतः है विप्र मैं सदैव इस पुरुषोत्तम मास के स्वामीरूप में प्रतिष्ठित रहता हूं। इस मास की विशेषता बताते हुए पद्मपुराण में नारायण कहते है...” नालभ्यम् दृश्यते किंचिनमतप्रिये पुरुषोत्तमः” है प्रिय पुरुषोत्तम मास में जप करने अनुष्ठान करने से संसार मे कुछ भी अलभ्य नही रहता। अर्थात ब्यक्ति के सभी कामनाओं की पूर्ति हो जाती है।
शिवपुराण में ही इस अधिमास को देवताओं ने सर्वश्रेस्ठ बताते हुए कहा है… “मासानामधिमासस्त्वम व्रतानाम् त्वम् चतुर्दशी” अर्थात प्रभो मासों में आप अधिमास व व्रतों में चतुर्दशी है। यही नही पुरुषोत्तम मास के विषय मे जानकारी देते हुए कहा कि अन्य समय मे गायत्री मंत्र के 1लाख जप से जो फल मिलता है। उतना फल पुरुषोत्तम मास में एक बार के जप से मिलता है।