सीओ से मिलकर मजदूरों ने की शिकायत
Chandauli news: जंगल की झाड़ियों का ब्यापार करने वालों में अपनी हिस्सेदारी बांधने के मामले में चर्चा में आये चौकी इंचार्ज के कारनामे से वरिष्ठ अधिकारी अपने आपको शर्मिंदगी महसूस कर रहें है। ब्यापारी से अपना हिस्सा बंधना तो ठीक लेकिन जंगल में महुआ बिनकर जीविकोपार्जन करने वालों से भी कमीशन चौकी इंचार्ज ने बांध दिया।
ब्यापारी से पैसा लेने के मामले में वायरल चौकी इंचार्ज चन्द्रप्रभा धर्मेंद्र शर्मा के खिलाफ पुलिस अधीक्षक डॉ अनिल कुमार से सीओ नौगढ को जांच सौंप दिए है। जांच बैठने पर अपने आप को ईमानदार साबित करने में चौकी इंचार्ज पसीना बहाना शुरू कर दिए। कुछ ने तो इनके पसीने और मेहनत पर ईमानदार होने का इस कदर कसीदे पढ़े की शायद चौकी इंचार्ज के बाद कोई विभाग में बना ही नही।
लेकिन रविवार को दर्जनों की संख्या में सीओ कार्यालय पहुंचे मजदूरों ने जो आरोप लगाए उससे खुद अधिकारी अपने आप को लज्जित महसूस करने लगे। सूत्रों की माने तो मजदूरों ने चौकी इंचार्ज पर 10₹ / मजदूर कमीशन लेने की बात अधिकारी के सामने रखा।
शाशन के कल्याणकारी योजनाओं के बाद आज भी जंगलों में परिवार के सदस्यों की भूख मिटाने के लिए मजदूरों को जंगल की लकड़ी व महुआ ही साधन है। मजदूरों ने आरोप लगाया कि जंगल में लगभग 200 महुआ के पेड़ है। जिसके फलों को चुनकर हम सभी उसे बाजार में बेचकर किसी तरह परिवार का जीविकोपार्जन करते है। जंगल के इस महुआ के फल को चुनने के लिए भी 10₹/ मजदूर देना पड़ता है। एक पेड़ पर लगभग 4-5 मजदूर महुआ चुनते है। ऐसे में प्रतिदिन एक पेड़ से 50₹ देना पड़ता है। सूत्रों की माने तो प्रति पेड़ 50₹ की आमदनी में नौगढ़ एसओ को 20₹ और चौकी इंचार्ज को 30₹ हिस्सा मिलता है। हालांकि मजदूरों की इस शिकायत पर सीओ ने अपनी प्राथमिक रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक को सौंप दिए है।