थाना प्रभारियों से ज्यादा एसपी सुनते है पीड़ितों की फरियाद!
मलाईदार थानों पर तैनात थाना प्रभारी जनता की समस्या सुनने में फिसड्डी
Chandauli news: जनपद के मलाईदार थाने पर जुगाड़ से पोस्टिंग पाने वाले थाना प्रभारियों को जनता की समस्या से कोई वास्ता नहीं है। उनका सिर्फ एक उद्देश्य है। जिसके लिए वह अपना ऊर्जा खर्च करते है। उनके उद्देश्य को पूरा करने का जिस प्रार्थना पत्र में कूबत होती है। उसपर ही वह अपनी सक्रियता दिखाते है। अन्यथा थाना परिसर के वातानुकूलित आवास से बाहर निकलने की जहमत नही उठाते। थाना प्रभारियों के ढीलेपन से जहां अपराधियो के हौसले बुलंद है। वहीं पीड़ितों को न्याय की गुहार के लिए एसपी के यहां जाना उनकी विवसता है।
थानों पर फरियाद लेकर पहुंचने वालों को सबसे पहले तो पुलिसिया उत्पीड़न का इस कदर शिकार होना पड़ता है। जैसे वह थाने पर आकर सबसे बड़ा गुनाह कर दिए। अधिकांश थाना प्रभारियों की स्थिति यह है वह अपने वातानुकूलित आवास कक्ष से ही थाना चला रहे है। इनसे मिलने के लिए बाकायदा थाने पर खास लोग लगाए गए है। जो यह तय करते है कि बड़े साहब के यहां जाने लायक है कि नही। क्योंकि साहब के मानक का आकलन यह लोग प्राथना पत्र के आधार पर करते है।
थानों पर पीड़ित की आवाज न सुनी जाने पर अधिकांश तो उस अन्याय को अपने भाग्य से जोड़कर वापस घर चले जाते है। वहीं कुछ पुलिस थाने के इस कृत्य पर हिम्मत जुटाते हुए पुलिस अधीक्षक के जनता दरबार मे पहुंच जाते है। हालांकि सीधे एसपी के जनता दरबार मे आज भी पीड़ित सीधे अपने से नही पहुंच पाता। फिर वह किसी न किसी को अपना वैशाखी बनाता है। एसपी के जनता दरबार मे पहुंचकर अपनी बात को रखते है। जहां से सम्बंधित थाने को वह शिकायती पत्र बकायदे आईजीआरएस के माध्यम से भेजा जाता है। जिसके बाद जिस थाने पर फरियादी से सीधे मुंह बात न करने वाले पुलिसकर्मी आईजीआरएस के प्रार्थना पत्र मिलने के बाद पीड़ित के समस्याओं को सुनते है।
एसपी के यहाँ गुहार लगाने वालों की संख्या एक नजर में-
पुलिस अधीक्षक के जनता दरबार के आकड़ो पर गौर किया जाय तो जनवरी 2023 से 20 जून 2023 तक कुल 180 कार्य दिवस में 84 दिन अवकाश ,थाना दिवस व तहसील दिवस रहा है। उसके साथ ही नगर निकाय चुनाव की ब्यस्तता के बाद भी जनपद के टॉप पांच थानों से फरियाद लेकर पहुंचने वाले 1195 पीड़ित है। इन पीड़ितों की बात न सुनने वाले में अलीनगर थाना सबसे शीर्ष पर है। जहां से 262 पीड़ितों ने एसपी के यहां पहुंचकर अब तक गुहार लगाया है। वहीं मुगलसराय थाना दूसरे नम्बर पर है। इस थाने से 261 पीड़ितों ने एसपी कार्यालय पहुंचकर गुहार लगाया। बलुआ भी इस रेटिंग में अपने आप को तीसरे स्थान पर रखा। यहाँ से 187 पीड़ित कप्तान के जनता दरबार मे पहुंचकर अपनी आपबीती सुनाया। सैयदराजा व सदर कोतवाली एक फरियादी के कारण रेटिंग में आगे पीछे हो गया। सैयदराजा से 176 तो सदर कोतवाली से 175 फरियादी एसपी के जनता दरबार मे पहुंच गए। वहीं सकलडीहा भी इन थानों के आंकड़े को छूने के लिए अग्रसर है। यहाँ से भी 134 फरियादी थाने पर शिकायत न सुनी जाने पर कप्तान के यहां फरियाद किया।
40 फरियादी का औसत : एसपी
पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल का कहना है कि कार्यालय में जब तक है प्रतिदिन 40 प्रार्थना पत्रों का औसत है। इसके साथ साथ अपर पुलिस अधीक्षक सदर, अपर पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन भी फरियादियों की बात सुनकर सम्बंधित थाना प्रभारी को दिशा निर्देश देते है। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे मामले अधिकांश पुलिस के पास आते है जिसमें पुलिस सीधे हस्तक्षेप नही कर सकती। लेकिन उन प्रार्थना पत्र पर क्या कार्यवाही हुई। उसके लिए पीड़ित के शिकायती पत्र को आईजीआरएस के माध्यम से कार्यवाही की रिपोर्ट मांगी जाती है। उन्होंने बताया कि आईजीआरएस अपलोड के 15 दिन के भीतर उस प्रार्थना पत्र पर रिपोर्ट लगाना ही है। अन्यथा विभगीय कार्यवाही शुरू हो जाती है। इससे जनता दर्शन में पड़े प्रार्थना पत्र पर शत प्रतिशत कार्यवाही सुनिश्चित है। उन्होंने बताया कि सम्बंधित अधिकारी शिकायती पत्र के निस्तारण का जो आख्या अपलोड करता है वह सुरक्षित हो जाता है। ऐसे में पीड़ित को लगे कि इसमें घालमेल किया गया है तो वह अपने साक्ष्य के साथ पुनः शिकायत कर सकता है। उस स्थिति में भी सम्बंधित के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की जाती है।