लाखों में हुआ समझौता पीड़िता को मिले चंद रुपये
पीड़िता ने काटा बवाल तो दर्ज हो हुआ मुकदमा
भूपौली में भी पांच घण्टे तक नाबालिक पीड़िता से पंचायत कराने में मशगूल रही पुलिस
Chandauli news: मोहर्रम त्योहार पर भातृ शोक के बाद भी ड्यूटी को वरीयता देने में लोंगो के सराहना का पात्र बने अलीनगर प्रभारी के राज में एक नया मामला सामने आया है। जहां दुष्कर्म पीड़िताओं को न्याय के बदले पैसे पर पंचायत कराया जाता है।
केस 1: एक पखवारा पूर्व रेवसां गांव के प्रजापति लड़की के साथ गांव के तीन यादव के लड़कों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। घटना तब हुआ जब युवती गांव के ही एक युवक के साथ नजदीकियां होने लर उसके साथ घूमने गयी थी। तभी तीन युवकों ने सामूहिक रूप से उसके साथ दुराचार किया। मामले की जानकारी के बाद पीड़िता के परिजनों ने अलीनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराने के लिए पहुंचे। जहां पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए थोथा आश्वासन इस कदर दिया गया जैसे वह किसी थाने में नही बल्कि अपने घर के सदस्यों के पास आयी हो।
थाना प्रभारी द्वारा प्रार्थना पत्र लिखवाया गया। उसके बाद थाना से लेकर न्यायालय तक के कठिन भागदौड़ से पीड़िता के परिजनों को अवगत कराया गया। पुलिस के यहां न्याय का गुहार लेकर आये पीड़िताओं के सामने जो रूपरेखा बनाया गया उसके बाद तो यह सब अंदर ही अंदर टूट गए। पीड़िताओं के मनोबल को टूटते देख एक बार फिर से उनके हमदर्द बनने की पूरजोर कोशिश किया गया।
जिसमें लूटी गई अस्मिता को पैसे को सहारा बनाया गया। सूत्रों की माने तो पीड़ित पक्ष की सहमति के बाद तीनों बलात्कारियों के परिजनों को तलब किया गया। पहले पूरा टाइट किया गया। पुलिसिया रौब से जब यह सब सहमे उसके बाद मामला 10 लाख में तय हुआ। विभागीय जानकारों का कहना है कि पीड़िता को 1 लाख रुपया दिया गया। एक सप्ताह तक मामला ठंडे बस्ते में गया लेकिन उसके बाद फिर से मामला भड़क गया। पीड़िता का ईलाज पिछले एक सप्ताह से जिला चिकित्सालय में चल रहा है।
केस 2: अलीनगर थाना के भूपौली चौकी पर मंगलवार को कुछ इस तरह का मामला सामने आया। जहां एक गांव की नाबालिक लड़की के परिजनों ने बालिका के साथ दुराचार करने के बाद पांच घंटे तक बंधक बनाए रहा। लेकिन इस मामले में भी भूपौली चौकी पर पंचायत शुरू हो गयी। पीड़ित पक्ष मंगलवार को पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे के पास पहुंचकर अपनी बात रखी।
पीड़ितों का कहना है कि नाबालिक लड़की रविवार को गांव के ही प्रदीप पांडेय के दुकान सामान लेने गयी थी। सामान मांगने पर दुकानदार अपने से जाकर समान भरने के लिए कहा। इसके बाद पीछे से जाकर बच्ची को दबोच लिया। इसके बाद उसके साथ दुराचार किया। बेहोश होने पर पांच घण्टे तक दुकान में ही बन्द किये रहा। जब उसे होश आया तो वह घर पहुंची। जब शिकयत किया गया तो पुलिस 02 लकह रुपया में पंचायत करने का दबाव बना जिसमें 1.5 लाख पीड़िता व 50 हजार चौकी का हिस्सा लगेगा। तीन दिन से पीड़ित चौकी व थाने का चक्कर लगा रहा। इस पर पुलिस अधीक्षक ने प्रभारी थाना प्रभारी को टाइट किया। इसके बाद 65(1), 351(2), 351 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ।