बिचौलिए के माध्यम से तय हुआ डील, पैसे के रिकवरी के लिए दरवाजा खटखटा रहा डीलर
Chandauli news: जनपद के डीडीयू नगर तहसील इस समय भ्रस्टाचार के मामले में गोल्ड मेडल पाने के करीब पहुंच गया है। कारण कि यहां के उच्चपदस्थ चार्ज पर ऐसे अधिकारी को भेजा गया है जो जूनियर पद पर रह चुके है। उस दौरान गुणा गणित करने में महारथ प्राप्त कर चुके अधिकारी का प्रमोशन होने के बाद इसी तहसील का उच्च पद दे दिया गया है। चार्ज मिलने के बाद से तहसीलदार के पद पर रहने के साथ जिस मामले में कुछ रह गया था अब उन मामलों में जमकर खेल शुरू हो गया है। इस कार्य में अपने इस कार्य में साथ देने के लिए एक नायाब तहसीलदार को लुटेरी टीम का सदस्य बनाया गया है। अब बड़े साहब का सानिध्य मिलने का बाद यह साहब भी कंधे से कंधा मिलाकर साथ दे रहे हैं।
इससे जुड़ी एक ऐसे मामले का पर्दाफाश हुआ है। जिसमें साहब के दिखावटी गुडवर्क का जमकर किरकिरी हो रहा है। विभागीय सूत्रों की माने तो यह टीम ने एक ब्यक्ति से 05 फिट जमीन के बदले 05 लाख रुपया का डील किया। यह डील एक तथाकथित चौथे स्तम्भ से तालुकात रखने वाले के पहल पर हुआ। विश्वसनीय सूत्र का कहना है कि नगर के एक धनाढ्य ब्यक्ति का जमीन अलीनगर कोतवाली क्षेत्र में है। जहां जमीन पर पहुंचने के लिए 05 फिट का रास्ता सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज है। अब धनाढ्य ब्यक्ति को अपने इस प्लाट पर पहुंचने के लिए पैदल या मोटरसाइकिल से जाना पड़ेगा। जो उसके आर्थिक हैसियत पर बट्टा लगने जैसा है।
फिर क्या था। तहसील के उस टीम से धनाढ्य ब्यक्ति का मुलाकात कराया गया। हालांकि जिस ब्यक्ति से यह 05 फिट जमीन का सौदा होना है अब अवैध कार्य का मास्टर माइंड है। इसकी जानकारी होने के बाद तहसील के इस लुटेरी टीम को जैसे छप्पर फार कर लक्ष्मी आने को बेताब दिखी। अवैध कार्य पर छपेमारी के बाद दबाव में यह कार्य उनसभी के लिए बाएं हाथ का खेल लगा। टीम ने तय कार्यक्रम के अनुसार सम्बंधित विभाग के अधिकारी को लेकर छपेमारी कर दिया गया। इधर इतनी जल्दी रिस्पॉन्स मिलने से उत्साहित धनाढ्य ब्यक्ति ने डील की राशि और भी बढ़ाने की पेशकश कर दी।
जहां छापेमारी की गयी वहां भारी मात्रा में वह वस्तु भी मिला। इसके बाद साहब ने अपने पद का उपयोग करते हुए अलीनगर पुलिस को मौके पर बुलाया और सम्बंधित ब्यक्ति के खिलाफ अवैध कार्य में कार्यवाही करते हुए जेल भेजने का आदेश दिया। इधर पुलिस जो पहले से ही उंक्त अवैध कार्य में हिस्सेदारी करती आ रही है। वह बीच बचाव में खड़ी दिखी। पुलिस व प्रशासन के बीच इस शीत युद्ध के तमाशबीन बने ब्यक्ति ने बताया कि पुलिस के तर्क पर साहब बैकफुट दिखे। यह बात अलग है कि उंक्त अवैध कार्य के बदले एक अच्छी खासी धनराशि अब साहब के यहां भी पहुंचने लगी। कार्यवाही के नाम पर मुकदमा दर्ज हो गया है। मतलब जमीन लेने गए साहब महीने की एक अलग कमाई लेकर लौटे। उधर जमीन के लिए पैसा देने वाला ब्यक्ति बिचौलिए और साहब के दरवाजे पर दस्तक दे रहा है।