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तत्कालीन एसपी सहित 18 पुलिस कर्मियों पर गाजीपुर में दर्ज हुआ मुकदमा

पुलिस रिकार्ड में दर्ज विभागीय गौ तश्कर को उसके ससुराल से गिरफ्तार की थी पुलिस

अक्सर गिरफ्तारी कहीं और पुलिस दिखाती है कहीं और

Chandauli news: अपराधियो की गिरफ्तारी कहीं से लेकिन लिखापढ़ी में स्थान कही और का अक्सर दिखाया जाता है। इस खेल में चन्दौली के तत्कालीन एसपी अमित कुमार द्वितीय , स्वाट, सर्विलांस व सदर कोतवाली के प्रभारियों के साथ साथ डेढ़ दर्जन पुलिस कर्मी फंस गए है। इन लोंगों के खिलाफ गाजीपुर के नन्दगंज थाने में 147, 219, 220, 342, 364, 389, 467, 468, 471 व 120 बी के धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। यह मुकदमा पुलिस विभाग के सिपाही अनिल कुमार सिंह के प्रार्थना पत्र पर सीजीएम  कोर्ट के आदेश पर हुआ है।

सूत्रों की माने तो  विभाग में तैनात सिपाही अनिल कुमार ने मुगलसराय थाने के वसूली की एक सूची वायरल की थी। जिसमें हर माह लगभग 40 लकह रुपया अवैध वसूली का विभागवार जिक्र था। पुलिस के अवैध वसूली की सूची वायरल होते ही थाना प्रभारी व पुलिस अधीक्षक के कार्यशैली पर प्रश्न चिह्न उठने लगा।

वहीं विभाग इस वायरल सूची से सम्बंधित ब्यक्ति के विषय में पुलिस जानकारी उपलब्ध करा ही रही थी। तब तक सदर कोतवाली में तैनात सिपाही अनिल कुमार का लोकेशन गौ तश्करों के साथ होना विभाग को मिल गया। इसके बाद एक बार फिर पुलिस चर्चा में हो गयी। अभी वसूली फिर गौ तश्करी के कारण चर्चा में जनपद का नाम आने पर ऐसे लोंगो के खिलाफ ठोस कार्यवाही शुरू हो गयी।

गौ तश्करों से बराबर संलिप्तता के आरोप में पुलिस अधीक्षक ने पहले निलंबित फिर बर्खास्त कर दिया।  उंसके बाद पुलिस लगातार पकड़ने का दबाव बनाने लगी। पुलिस अधीक्षक ने सर्विलांस, स्वाट व कोतवाली पुलिस के लगभग 17 से अधिक कर्मचारियों को इसके लिए लगाया था। अन्ततः पुलिस ने मझवार स्टेशन के समीप से गाड़ी पकड़कर भागने  के फिराक में रहे आरोपी को पकड़कने का दावा करते हुए जेल भेजा था। पुलिस की कार्यवाही के बाद जेल से ही अपने बाहर निकलने के लिए अपने लोंगो के द्वारा अपील दायर करने की योजना बनाया। अन्ततः उच्च न्यायालय से जमानत पर बाहर आ गए।

इसके बाद एसपी के बर्खास्तगी के इस कार्यवाही को चैलेंज किया। कोर्ट ने अनिल के बर्खास्तगी वाले कार्यवाही पर रोक लगाकर बहाल करते हुए ज्वाइन कराने का निर्देश जारी कर दिया। कोर्ट के आदेश के बाद पुनः चन्दौली में अनिल को ज्वाइन करा दिया गया। इसके बाद उन्होंने अपने गिरफ्तारी को गाजीपुर सीजीएम कोर्ट में चैलेंज किया। कोर्ट में अनिल ने बताया कि वह कालने ससुराल में वैवाहिक कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए आया हुआ था। जहां से तीन गाड़ियों से कुल 17 लोंगो ने उसका अपहरण किया। इसकी जानकारी नन्दगंज थाने को भी दिया गया था। उसके बाद उसकी फर्जी ढंग से गिरफ्तारी दिखाई गयी। साक्ष्य के आधार पर गिरफ्तारी व बरामदगी वाली टीम के सभी सदस्यों को एसपी सहित मुलजिम बना दिया। जिसके बाद न्यायालय ने सभी के खिलाफ नन्दगंज थाने को मुकदमा लिखने का आदेश दिया।

कोर्ट के आदेश के बाद भी मुकदमा न लिखे जाने पर एक बार से अनिल ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसके बाद कोर्ट ने सख्ती दिखाई । इसके बाद नन्दगंज थाने में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अमित कुमार द्वितीय, तत्तकालीन सदर इंस्पेक्टर राजीव सिंह, सत्येन्द्र यादव स्वाट प्रभारी, सत्येन्द्र विक्रम, सहित 18 लोंगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।

मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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