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बीएसए कार्यालय भ्रस्टाचार: जैम पोर्टल पर बाबू कर गया घालमेल, नही पकड़ पाए अधिकारी

टेंडर खोलने के तीन अधिकारी जिलाधिकारी के यहां से होते है नामित

सीडीओ व ट्रेजरी ऑफिसर के उपस्थिति में खोला जाता है निविदा

Chandauli news:  बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में वाहन सम्बद्ध करने से लेकर उसके संचालन तक घालमेल हुआ है। यह घालमेल का शुरुआत जैम पोर्टल से शुरू हो गया। जबकि इसकी पारदर्शिता के लिए जिलाधिकारी के यहां से नामित सदस्य काजू की बर्फी व पिस्ता की नमकीन में उलझकर आंख बन्दकर टेंडर पर हस्ताक्षर कर दिया। जिसके बाद लगभग 1 करोड़ 47 लाख का भुगतान कागज की गाड़ी दौड़ाकर हो गया।

बेसिक शिक्षा विभाग में बीएसए ,एबीएसए, डीसी व लेखाधिकारी को चलने के लिए शासन ने पीपीपी मॉडल पर गाड़ी उपलब्ध कराया है। सरकार का यह कदम सरकारी धन पर डाका डालने वालों के लिए वरदान हो गया। सरकारी धन का बन्दर बाट करने में माहिर बाबू की सलाह ने ठेकेदार से लेकर खण्ड शिक्षा अधिकारी व बीएसए की बाछें खिला दी।

गाड़ी संख्या up bt 2204 शक्तिनगर का वर्क ऑर्डर

धनागमन का जरिया बनाने वाला बाबू साहब से लेकर ठेकेदार तक का इसकदर प्रिय हुआ जिसका असर भी दिखने लगा। लगातार तरबतर मलाई गिलौरी से लेकर पनीर पकौडा कार्यालय पहुंचते ही सेवा में उपस्थित होने लगा। जिसका असर भी बाबू के शारीरिक बनावट पर दिखने लगा। लगातार प्रोटीन की अधिकता से वजन भी बढ़ गया। उधर अपने निजी वाहन के तेल व ड्राइवर का तनख्वाह  पाकर साहब लोग भी मजे काटने लगे। हालांकि इन लोंगो के चिंदीचोरी का राज खुल गया।   कागज पर गड़ियां चलवाकर लगभग 1 करोड़ 47 लाख रुपया का भुगतान हो गया।

ऐसे हुआ खेल: सूत्रों की माने तो वाहन के लिए जैम पोर्टल पर निविदा आमंत्रित की गयी। इसमें दो ठेकेदारों ने दो बार टेंडर भरा। लेकिन तकनीकी अड़चन से यह निविदा निरस्त हो गया। जिसमें यह दिखाया गया कि टेंडर में कम लोग सहभाग किये है। लगातार दो बार टेंडर निरस्त होने के बाद इसमें मैनुअली किया गया। जिसमें राहुल ट्रैवेल्स को टेंडर दिया गया। टेंडर खोलने के लिए बकायदे तीन सदस्यीय कमेटी बनी थी। लेकिन लगातार दो बार बीएसए कार्यालय पहुंचकर लजीज नाश्ता कम भोजन कर वापस होने वाले अधिकारी विभाग पर ही टेंडर प्रकिया छोड़ दिया। जिसका लाभ उठाकर बाबू व ठेकेदार ने जालसाज तरीके से गाड़ियों का कागजात लगाकर उच्चाधिकारियों से प्रमाणित कारा लिया। टेंडर के समाय जो गाड़ियां लगायी गयी है उसमें से अधिकांश शक्तिनगर सोनभद्र के विभिन्न परियोजनाओं में संचालित हो रही है।

कागज का पेट भर कर फाइल को मोटा कर दिया गया। उसके बाद हर माह विभाग से निकलने वाली मोटी धनराशि का बन्दरबाट शुरू हो गया। जिन गाड़ियों के कागजात पर टेंडर पास हुआ है उसमें उसमें up 64 AT 7195, up 61 AT 0288, up 64 AT 6972, up 65 BT 0556 up 65 HT 5689, up 64 AT 9777, up 64 AT 7195, up 67 Z 2220, up 64 AT 9454, up 67 BT 0629, up 64 BT 2204, up 64 AT 8317 इसमें से अधिकांश गाड़ियां शक्तिनगर में संचालन हो रही है।

मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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