राजस्व, पुलिस व खनन के अधकारियों से कराया छापेमारी
Chandauli news: ओवर लोड बालू की गाड़ी व अवैध रूप से सैयदराजा में चल रहे बालू के अड़ी पर डीएम का डंडा शुक्रवार की रात्रि में चला। एक साथ खनन, राजस्व व पुलिस के साथ पहुंची अधिकारियों के टीम ने 24 वाहन को सीज किये। हलांकि अवैध अड़ी संचालक मौके से भाग निकला। जबकि बालू तश्करी में लिप्त एक तश्कर चोटिल हो गया। जिसका उपचार जिला चिकित्सालय में कराया जा रहा है।
लगभग चार वर्ष के बाद बालू तश्करों पर प्रशासन की संयुक्त कार्यवाही होने से हड़कम्प मच गया है। इसके पूर्व तत्कालीन जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल व पुलिस अधीक्षक रहे सन्तोष सिंह ने नौबतपुर में अवैध रूप से संचालित बालू अड़ी पर छापेमारी कराए थे। इसके बाद बालू तश्करों के खिलाफ कार्यवाही के नाम पर बोगा संचालको पर कार्यवाही अभियान के तहत हुआ था। शुक्रवार को जिलाधिकारी निखिल टी फूंडे ने संयुक्त टीम बनाकर छापेमारी के लिए दिशा निर्देश दिया। जिसके बाद अचानक नायब तहसीलदार, खनन विभाग और पुलिस कि संयुक्त टीम ने छापा मारा जिसमें जमानियां मोड़ व नौबतपुर से 24 ट्रकों को सीज किया गया। इसमें एक तश्कर दीपक कुमार यादव निवासी वाराणसी भागने में घायल हो गया।
छापेमारी के बाद बढ़ जाता है कमीशन, फिर से होने लगती है तश्करी
सूत्रों की माने तो इस तरह की छापेमारी के बाद बालू की कीमत बढ़ जाती है, इसके पीछे सम्बंधित विभाग का कमीशन बढ़ जाता है। कुछ ऐसे भी लोग है जो प्रशासन के छापेमारी के दौरान काफी सक्रियता दिखाते हुए महत्वपूर्ण भूमिका में नजर आते है। उन लोंगो को भी उनके हिसाब से हिस्सेदारी सेट हो जाती है। इसके साथ ही स्थानीय पुलिस, खनन व परिवहन विभाग का सुविधा शुल्क बढ़ाना पड़ता है। फिर उसके बाद यह खेल बदस्तूर शुरू हो जाता है।
ट्रकों से वसूली में पुलिस का ऑडियो हो चुका है वायरल
नौबतपुर से लेकर टेंगरा मोड़ पर जाकर लगने वाली बालू मंडी तक ट्रक को पहुंचने में सैयदराजा, चन्दौली, अलीनगर थाना लगता है। सूत्रों की माने तो सैयदराजा थाना में एक ट्रक का 4-5 हजार रुपया महिना, सदर व अलीनगर का 2-3 हजार रुपया प्रतिमाह फिक्स है। जबकि परिवहन व खनन विभाग 10 हजार रुपया निर्धारित है। इसके बाद जांच के नाम पर पकड़े जाने के बाद सुविधा शुल्क बढ़ाये जाने का कारखास से बातचीत का ऑडियो भी वायरल हो चुका है। इन अवैध अड़ी से बोगा संचालको से भी शुल्क निर्धारित है। उसके पीआरबी की गाड़ियों को प्रति गाड़ी अलग से निर्धारित शुल्क है। विभागीय व स्थानीय प्रशासन से ठीक ठाक सांठ गांठ के बाद जब क्षमता से अधिक वाहनों का संचालन या फिर किसी वरिष्ठ अधिकारियों का मार्ग इन सभी की वजह से अवरुद्ध हो जाता है उसके बाद प्रशासन इस तरह की कार्यवाही करा देती है।