चैत्र नवरात्रि: अभिजीत मुहूर्त के बाद,शाम 3:18 के बाद बन रहा कलश स्थापना का मुहूर्त
लाल वस्त्र माता को अर्पित करने से दूर होगी आर्थिक तंगी: कौशलेंद्र
Chandauli news: हिन्दू नवसंवत्सर २०८०-८१ का शुभारंभ मंगलवार को हो रहा है। नव सम्वत्सर में माता दुर्गा के नौ रूपो का पूजन अर्चन किया जाता है। पहले दिन कलश स्थापना के साथ माता भगवती के नौ रूपो का पूजन अर्चन का कार्य प्रारंभ होता है। लेकिन इस बार पूरे दिन कलश स्थापन का मुहूर्त न होकर कुछ विशेष समय ही मुहूर्त मिल रहा है। मंगलवार के दिन वैधृति योग है। इसके कारण अभिजीत मुहूर्त 11: 34 – 12:24 मिनट तक। उसके बाद शाम 3:18 से सूर्यास्तोपरांत। कलश स्थापन को लेकर पंडित कौशलेंद्र पांडेय ने बताया कि वैधृति योग व चित्रा नक्षत्र में कलश स्थापना निषेध बताया गया है।
उन्होंने रुद्रयामल ग्रंथ का हवाला देते हुए बताया कि मंगलवार के दिन सर्वार्थ सिद्धि व अमृत सिद्धि मुहूर्त होने के बाद भी वैधृति योग के कारण कलश स्थापना निषेध है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पूरे वर्ष में चार नवरात्रि होती है। इसमें शारदीय नवरात्रि व चैत्र नवरात्र का विशेष मान्यता है। जबकि दो अन्य नवरात्रि जिसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। मां दुर्गा शेर की सवारी करती है। लेकिन जब वह धरती पर आती हैं तो अपनी सवारी बदल देती है। इस बार माता घोड़े की सवारी पर सवार होकर भक्तो को दर्शन देंगी।
सुख समृद्धि ऐश्वर्य के लिए माता का पूजन किया जाता है। इसमें माता के नौ रूपों का अलग अलग विधान से पूजा करने का मान्यता है। वहीं इन दिनों में कुछ विशेष वस्तुओं को खरीदने से भी माता दुर्गा की विशेष कृपा होती है। पंडित कौशलेंद्र पांडेय का कहना है कि माता के अलग अलग रूपो का पूजन अर्चन करना अपने आप में सुखद है। जबकि इसके साथ ही खरीदारी का विशेष महत्व है। नवरात्रि में विशेष रूप से ऐसे वस्तुओं का खरीददारी नही करनी चाहिए।
इन वस्तुओं से करें पूजा: पंडित कौशलेंद्र पांडेय का कहना है घर मे आर्थिक तंगी हो तो इन सामाग्री को नवरात्र में खरीदकर उसका पूजन अर्चन करने से घर में बरकत होती है जिसमें…
सोने का सिक्का: नवरात्रि के दिन सोने का सिक्का या लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा वाले सोने के सिक्के अवश्य खरीदें। नवरात्रि समाप्त होने के बाद इसे घर की तिजोरी में रखें। इससे आर्थिक तंगी हमेशा के लिए दूर हो जाएगी। वहीं, जो लोग सोना नहीं खरीद सकते हैं, वे लाल वस्त्र अवश्य खरीदें।
कमल पर विराजमान माता लक्ष्मी का चित्र: नवरात्रि के पहले दिन माता लक्ष्मी का ऐसा चित्र खरीदें, जिसमें वह कमल फूल पर विराजमान हों। उस चित्र को पूजा घर में रखें।इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और आर्थिक उन्नति होती है।
सोलह श्रृंगार: नवरात्रि के पहले दिन 16 श्रृंगार का सामान खरीद कर माता दुर्गा को अर्पण करने से माता दुर्गा बेहद प्रसन्न होती हैं। इससे घर में हमेशा सुख समृद्धि बनी रहती है।
चांदी का घोड़ा: इस बार माता दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं, इसलिए नवरात्रि के पहले दिन अगर चांदी का घोड़ा खरीद कर पूजा के घर में रखते हैं तो हमेशा घर में आर्थिक बरकत होती रहेगी।