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लाइसेंस का सरकारी शुल्क 1000 , साहब को अलग से चाहिए 1300
हैवी लाइसेंस के लिए ट्रेनी सेंटर से बंधा है 5000₹
Chandauli news: जिले के एक ऐसा विभाग जहां के साहब निगाह भी मिलाने के लिए शुल्क निर्धारित किये है। जब तक उनका वरदहस्त प्राप्त दलाल कोडवर्ड में अनुमति नही देता तब तक वह सीधे ढंग से बात भी नही करते। यह बात दीगर है कि मेन गेट पर बड़े अक्षरों में लिखा है दलाल प्रवेश वर्जित।
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बात उप सम्भागीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) कार्यालय की है। जहां वाहन से सम्बंधित कागजात आदि बनवाने में सरकार के निर्धारित शुल्क से अधिक यहां पर तैनात एआरटीओ, आरआई व उनके बाबुओं का कमीशन है। हर घर में मोटरसाइकिल आम बात हो गयी है। जिसे छोटे से लेकर बड़े उम्र तक के लोग चला रहे है। वाहन चलाने में दक्ष है इस बात की पुष्टि ड्राइविंग लाइसेंस करता है। जो एआरटीओ कार्यालय से बनता है।
सरकार ने लर्निंग लाइसेंस के जो छह माह तक के लिए वैध है। इसे किसी भी साइबर की दुकान रजिस्ट्रेशन कर निर्धारित शुल्क देकर प्राप्त कर सकता है। लेकिन लाइट वेट लाइसेंस को रिनवल कराने के लिए एआरटीओ कार्यालय जाना ही पड़ेगा। जहां ऑनलाइन फार्म भरने के नाम पर 300₹ लेते है। वहीं लाइसेंस का निर्धारित शुल्क 1000₹ है। लेकिन यहां 2300₹ लिया जाता है।
यही एक ऐसा विभाग है जहां पैसा ज्यादा देकर लोग कम पैसे की रसीद लेकर सन्तुष्ट होकर अपने घर जाते है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि पहले यह सुविधा शुल्क 1000₹ था। लेकिन आरटीओ द्वारा बढाकर इसे 1300कर दिया गया। इसमें 60% आरटीओ, 20% आरआई व 20% डीलिंग बाबू का कमीशन सेट है। यही नही हैवी लाइसेन्स के लिए मोटर ट्रेनिंग सेंटर से प्रमाण लेना पड़ता हैं जिसके लिए 5000₹ निर्धारित है।
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