तेल माथे पर लगे तब तक हाथ से शीशी छूटी, जमीन पर गयी बिखर
थाने का तथाकथित दलाल राजस्व के भ्रस्ट अधिकारी का सहारा
Chandauli news: बालू से तेल निकालने के अभ्यस्थ एक भ्रस्ट अधिकारी ने मंगलवार को अपने इस कार्य में सफल हो गया। लेकिन भाग्य ने इसकदर करवट लिया कि तेल माथे पर लगने से पूर्व ही पूरी भरी शीशी हाथ से छूट कर जमीन पर बिखर पड़ी। यह सुनने में भले ही अटपटा लगा रहा। लेकिन जिले में कुछ ऐसे भी भ्रस्ट अधिकारी है जो बालू से तेल निकालने के मर्मज्ञ है। उन्हें इस कार्य का प्रशिक्षण शुरुआत में ही उनके विभागीय उच्चाधिकारी रुपी गुरु दे दिए है। यह बात दूसरी है कि अभी गुरु जी का फिलहाल साथ नही है। लेकिन उनके बताए नक्शेकदम पर हूबहू चल रहे।
मंगलवार को नगर के अनिल सेठ जो बैंक ऑफ इंडिया से वर्ष 2016 में ₹ 06 लाख मकान बनाने के लिए कर्ज लिए। 2024 तक तक उनका कर्ज बढ़कर लगभग दहाई का अंक पार कर गया। लगातार बैंक नोटिस देती रही लेकिन यह कर्ज नही चुकता किये। बैंक लीगल नोटिस पकड़ाते हुए न्यायालय का शरण लिया जिसमें न्यायालय ने कुर्की का आदेश कर दिया।
बैंक से मकान कुर्क कर लोन जमा करने के आदेश पर बैंक ने मकान खाली कराने के लिए राजस्व व पुलिस से सम्पर्क किया। जिसमें 24 सितम्बर की तिथि दोनों विभाग से मुक़र्रर हुआ। तय कार्यक्रम के अनुसार बैंक के चीफ मैनेजर रजत कुमार रंजन, शाखा प्रबंधक कमलेश भारती, मुगलसराय से कुछ दिन पूर्व यहां आए हुये है मजिस्ट्रेट के रुप में वह व पुलिस टीम शकंर मोड़ के समीप सेठ का घर खाली कराने पहुंच गयी।
बैंक के साथ मजिस्ट्रेट व पुलिस की भारी भीड़ देखकर कर्जदार अचकचा गया। कभी पुलिस तो कभी बैंक अधिकारियों तो कभी मजिस्ट्रेट के सामने हाथ जोड़ कुछ समय और देने की मांग करने लगा। लेकिन यहां पहुंची टीम उसके इस ब्यवहार को देखकर और ज्यादा उसे टाइट करना शुरू किया। इसके बाद बैंक के कर्जदार ने जुगाड़ डाट काम का सहारा लिया। जिस प्रभावशाली ब्यक्ति को फोन किया उस ब्यक्ति ने दो तीन दिन का समय मांगते हुए कार्यवाही पर रोक लगाने की सिफारिश कर दिया।
जुगाड़ सटीक बैठ गयी मकान खाली कराने गयी टीम तक सन्देश भी आ गया। इसके बाद तो बालू से तेल निकालने के मर्मज्ञ अपने कार्य पर तत्काल लग गए। अकेले तेल निकालने में मशक्कत व तेल में बालू के कण का किरकिरापन छानने के लिए फिल्टर लगाया गया। थाना की फोर्स नगर में जुट गई ऐसे मामलों के फिराक में रहने वाला थाने का एक तथाकथित दलाल जो अक्सर कई मामलों में पुलिस से लेन देन करते करते धड़का खुल गया है। उसे इस कार्य में लगाया गया। इसके बाद तो वह सांठ गांठ शुरू कर दिया। 50- 50% पर सहमति बन गयी। पीड़ित से डील पक्की हो गयी। सूत्रों का कहना है कि बैंक का कर्ज भरने में असमर्थ ब्यक्ति तत्काल 50 हजार की ब्यवस्था कर दे भी दिया। इसके बाद एक बार फिर उसने अपने उसी जुगाड़ को फोन किया। जहां 50 हजार देने के बाद भी 50 हजार और मांग करने की शिकायत की। जुगाड़ उच्च स्तरीय था। इसलिए एक बार फिर उन सभी चैनलों को उन्होंने खटखटाया। इधर बालू से निकले तेल की भरी शीशी हाथ में लेकर सिर पर लगाने की पुरजोर तैयारी हो रही थी। यहां तक कि शीशी का ढक्कन भी खोल लिया गया था। तब तक फोन की घण्टी बज गयी। पूरे राज का पर्दाफाश खुलते ही हाथ से तेल की शीशी मानो जमीन पर बिखर गयी। पीड़ित से लिया गया पैसा एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए रात में ही वापस कर दिया गया।