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डीडीयू नगर स्टेशन पर जीआरपी आरपीएफ में शीतयुद्ध जैसी स्थिति

जीआरपी व आरपीएफ की संयुक्त टीमें अब नही करती जांच

आरपीएफ़ के पास दो दो डॉग स्क्वाड जबकि जीआरपी को सिविल पुलिस का लेना पड़ रहा सहयोग

Chandauli news:  डीडीयू नगर स्टेशन पर रेलवे व यात्रियों के सुरक्षा में लगे आरपीएफ़ व जीआरपी के बीच शीतयुद्ध चल रहा है। जिसका परिणाम है कि दोनों पुलिस  दो दिशा में चल रही है। जिसके कारण सुरक्षा के नाम पर होने वाली जांच भी प्रभावित हो रही। हालांकि इसमें जिला पुलिस का सहयोग लेकर कभी कभार जांच के नाम खाना पूर्ति कर ली जा रही है।

फोटो:स्टेशन पर जांच करती टीम में इंस्पेक्टर मुगलसराय, डॉग स्कवाड व बम निरोधक के साथ जीआरपी पुलिस

स्थानीय स्टेशन के अलावा हर जगह रेलवे सुरक्षा बल(आरपीएफ) व Government Railway Police (जीआरपी) दो अलग अलग एजेंसियां काम करती है। इसमें रेलवे के सम्पत्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी आरपीएफ की तथा  जीआरपी थाना की फोर्स थाना क्षेत्र के अलावा स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा, रेलवे यातायात आदि को सुगम बनाने की जिम्मेदारी होती है। स्टेशनों के साथ साथ रेलवे परिसर में प्रायः यह दोनों टीमें संयुक्त रुप से कार्य करती है।

सूत्रों की माने तो इसके पीछे दोनों एजेंसियों के पास अलग अलग संसाधन है। रेलवे के पास स्थानीय स्तर पर अपना डॉक स्कवाड है। जबकि जीआरपी के मेटल डिडेक्टर वगैरह है। लेकिन वर्तमान समय में अंदरखाने से मिली जानकारी में दोनों एजेंसियों के प्रभारियों के बीच वर्चस्व को लेकर एक दिवाल खड़ी हो गयी है। जिसे शीत युद्ध भी कहा जा सकता है। जिसका असर कार्य में देखने को मिल रहा है। जीआरपी को अन्य संसाधन जो सामान्य रूप से आरपीएफ से मिल जाती थी अब उसे जिला पुलिस से सहयोग लेना पड़ रहा।रविवार को जन्माष्टमी को लेकर सघन जांच अभियान स्टेशन पर चलाया गया। जिसमें जीआरपी ने मुगलसराय पुलिस के अलावा डॉग स्क्वाड व बमनिरोधक दस्ता को बुलाकर चेकिंग अभियान चलाया।

मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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