साहब के भ्रस्टाचार ने बल्ब की रोशनी कर दी कम
1700 की लग रही लाइट का 3700 ₹ हो रहा पेमेंट
Chandauli news: जिले इन वरिष्ठ अधिकारी इन दिनों सुर्खियों में है। सुर्खियों में होना लाजिमी है। कारण की भ्रस्टाचार पर जीरो टारलेन्स की बात करने वाली डबल इंजन की सरकार में यह भ्रस्ट अधिकारी अपनी दुकान बिना किसी डर के चला रहा है। ऐसा नही कि इस अधिकारी के काले कारनामे की जानकारी उच्चस्तर पर पता नही है। सब कुछ पता होने के बाद भी इस अधिकारी को एवमस्तु का आशीर्वाद मिल गया है।
अचार संहिता से पूर्व हुए ट्रांसफर के बाद शासन सत्ता के एक रसूखदार नेता का हाथ इस कदर सिर पर हुआ । जिसका परिणाम रहा कि शासन को अपने निर्णय को बदलना पड़ा। इसके बाद से सामान्य लोकसभा चुनाव का आचार संहिता लगा हुआ है। ऐसे मे इस भ्रस्ट अधिकारी की दुकान और भी जोर पकड़ ली है।
अधिकारी के इस लूट खसोट की आंच गांव सभा में बिजली के खम्भो पर लगने वाली लाइट पर पड़ गयी है। जिससे सफेद दूधिया रंग की जगमगाती प्रकाश भी धीमी हो गयी है। बल्ब की रोशनी धीमी होना भी लाजिमी है। कारण की जो बल्ब गांव में खम्भों पर लग रहे वह बेहद ही घटिया किस्म की है। लेकिन बजट में उसे उच्च श्रेणी दिया है। सरकारी बजट से एक बल्ब का 3700₹ पास हो रहा है। जबकि जो लाइट गांव के खम्भो पर लग रही उसकी कीमत 1700₹ है। जो एजेंसी यह लाइट लगा रही है वह सीधे साहब के कांटेक्ट में है।
विभागीय सूत्रों की माने तो क्षेत्र पंचायत व ग्राम पंचायत कोटे से लगने वाले इस रोशनी बल्ब के लिए साहब व उनके गण बीडीओ व सेकेट्री के यहाँ फोन कर उन्ही एजेन्सी से बल्ब लगवाने का दबाव दिए है।
ऐसे बंटता है कमीशन:
विभागीय सूत्रों की माने तो खम्भों पर लगने वाले बल्ब की कीमत 1700₹ है।इस पर 200₹ जीएसटी मतलब निजी रूप से लगवाना हो तो यह 1900₹ में उपलब्ध हो जाएगा। जबकि इसका सरकारी खजाने से 3700₹ भुगतान किया जाता है। मतलब एक लाइट पर 1800₹ अब इस 1800₹ में से 10% साहब का फिक्स है।
आगे पढ़ें पार्ट 3: साहब के कमीशन के भेंट चढ़ गया सरकार का अमृत सरोवर योजना