अलीनगर में अवैध रूप से फल फूल रहा है तेल कटिंग का कारोबार
Chandauli news: अलीनगर में तेल कटिंग कारोबार का तेजी से फल फूल रहा है। मंगलवार को अचानक एक बार फिर से इसका खुलासा शराब के अवैध कारोबार की सूचना पर हो गया। शराब की सूचना पर आबकारी व पुलिस की जवाइन्ट टीम जब मौके पर पहुंची तो इस खेल के राज से पर्दा हटा।
सूत्रों की मानें तो अलीनगर थाना क्षेत्र के सरेसर डीपो से ट्रैंकर में तेल लेकर पेट्रोल पंप पर पहुंचने से पहले यहां तेल कटिंग का कारोबार ब्यापक पैमाने पर होता है। जिसके लिए स्थानीय थाने को अच्छा खासा राजस्व इस कार्य के लिए मिलता है। यहां तेल कटिंग का कारोबार होता है इस बात का खुलासा पिछले दिनों एसडीएम डीडीयू नगर के छापेमारी में हुआ था। उसके बाद से पुलिस की किरकिरी शुरू हो गयी थी। हालांकि उसके बाद एसडीएम ने भी पुनः छापेमारी करने की जरूरत नही समझी। पुलिस सूत्रों की माने तो उस छापेमारी के बाद एक स्तरीय बैठक हुआ था।
लेकिन मंगलवार को एक बार फिर से इस बात का खुलासा हो गया कि यह कार्य अब भी बिना किसी डर भय के चल रहा है। जानकारी के अनुसार बसन्तु की मड़ई स्थित सुभाषन के हाते में अवैध शराब की गाड़ी होने की सूचना अलीनगर पुलिस मिली थी। जिसपर अलीनगर इंस्पेक्टर अपने साथ आबकारी अधिकारी को साथ ले लिए। पुलिस व आबकारी की टीम ने बसन्तु की मड़ई स्थित निर्धारित स्थल पर जब छापेमारी किया तो पुलिस के पैर से जमीन ही खिसक गई। वहां पर डीजल पेट्रोल से भरी ट्रैंकर खड़ी थी। जबकि 05 ड्रमों से अवैध डीजल भरा पड़ा मिला। इसके बाद पुलिस ने जिलापूर्ति की टीम को जानकारी दिया। जिलापूर्ति की टीम जब पहुंचकर जब जांच पड़ताल किया तो कुल12780 लीटर पेट्रोल/ डीजल बरामद हो पाया। जिसमें टैंकर में 3000 लीटर पेट्रोल व 9000 लीटर डीजल सील बन्द बरामद हुआ। तथा ड्रम में कुल 780 लीटर डीजल के साथ 01 आल्टो कार, 3 मोटरसाइकिल व तेल नापने वाली कुप्पी बरामद हुआ। लेकिन इस कार्य में लिप्त कोई भी पुलिस की पकड़ में नही आया। हालांकि पुलिस ने सभी बरामद सामग्री को सील कर दिया है।
तेज तर्राक अधिकारी के बाद भी हो रही तश्करी: अपने एसओ व इंस्पेक्टर कार्यकाल के दौरान जनपद के सभी प्रमुख थानों पर प्रभारी रहने के दौरान अवैध कार्यों पर नकेल लगाने वाले, मुगलसराय में भारी से भारी जाम जिनकी गाड़ी का सायरन मात्र सड़क के जाम को खाली करा देता था। तेज तर्राक अधिकारियों में अपनी पहचान बनाने वाले अनिरुद्ध सिंह क्षेत्राधिकारी मुगलसराय (जो अब डीडीयू नगर हो गया है) में तैनात है। माना जा रहा है कि इंस्पेक्टर से ज्यादा मुखबीर क्षेत्राधिकारी के पास है। लेकिन इस अवैध कारोबार पर लगाम नही लग सका है। इसके पीछे का कारण उनका हस्तक्षेप कम हो गया है या फिर कार्य करने का अंदाज प्रमोशन के बाद संकुचित हो गया है??