महिला थानाध्यक्ष के काउंसलिंग से 394 परिवार का समाप्त हुआ मनमुटाव
Chandauli news: यह एक धारणा है कि जिनके घरों के आपसी विवाद में पुलिस का हस्तक्षेप हुआ उस घर में विघटन तय है। कारण की एक दुसरे का आपसी मनमुटाव के बाद थाना व न्यायालय के उन तमाम झंझावातों को झेलने के बाद रिश्तों में गांठ पड़ जाता है। स्त्री पुरुष के साथ साथ दोनों परिवार व रिश्तेदारों के वर्चस्व की लड़ाई हो जाती है। लेकिन पुलिस के आंकड़ों को।देखा जाय तो इस धारणा को पीछे छोड़ पुलिस टूटते घरों को जोड़ने की भूमिका में दिख रही है।
पारिवारिक मन मुटाव के बाद एक दूसरे से अलग रहने की जिद से न्यायालय तक कि सफर तय करने का मन बना चुके 394 परिवार को घन्टो पंचायत व कानूनी दांव पेंच से अवगत कराते हुए महिला थानाध्यक्ष ने इन सभी के बीच आपसी तालमेल फिर से ठीक कर एक दूसरे के साथ रहने के लिए एक कराकर पुनः घर वापसी करा दिया है।
पति पत्नी या परिवार से लड़ाई झगड़े के बाद शादी के इस बंधन को न्यायालय की मदद से आजाद करने की जिद लेकर निकले दम्पत्ति पहले थाने पर से शुरुआत करते है। जहां थाना कार्यवाही करने की बजाय अपने स्तर से पंचायत कराने की कोशिश करता है। लेकिन बात नही बनने पर पीड़ित पक्ष उच्चाधिकारियों के जनता दर्शन में पहुंचकर न्याय की गुहार लगाता है। कभी पति तो कुछ परिवार के ताने से तंग आकर गुहार लगाते है। इन सभी की शिकायत का निस्तारण महिला थाना भेजा जाता है। जहां एक दो बार दोनों पक्ष को बुलाकर एक दूसरे के आमने सामने बात कराकर मनमुटाव को दूर कराते हुए इन सभी को पुनः एक साथ रहने के लिए राजी कराकर थाने से विदा किया जाता है। यही नही थानों से एक दूसरे से समझौता पत्र भी भरवाया जाता है। जिसकी मानिटरिंग भी समय समय पर पुलिस कर रही।