प्रेमी के प्रेमजाल से दो – दो बच्चे की बन गयी मां पति को नही लगी भनक
मामले की जानकारी होने पर पति ने घर से निकाला
प्रेमी के साथ महिला ने मन्दिर में की शादी
news desk: यूपी के महराजगंज में एक ऐसा मामला सामने आया। जो चर्चा का विषय बना हुआ है। मामला पति पत्नी के वैवाहिक जीवन के बीच पत्नी के प्रेम सम्बन्ध का है। यह प्रेम सम्बन्ध इतना प्रगाढ़ हुआ कि पति पत्नी वैवाहिक जीवन सामान्य ढंग से बिता रहे थे। लेकिन पत्नी ने अपने प्रेमी को पति से उपर रखा। पति के साथ रहते हुए भी प्रेमी से तीसरे बच्चे के लिए प्रेग्नेंट हो गयी। जबकि दो बच्चे पहले से ही प्रेमी के ही है। पति को जब इसकी जानकारी हुई तो उसने पत्नी को घर से निकाल दिया। जिसके बाद वह प्रेमी के यहां पहुंच कर शादी करने की बात की।पहले तो प्रेमी ने इससे इंकार कर दिया। लेकिन प्रेमिका के प्यार ने उसे शादी के लिए विवश कर दिया। दोनों एक मंदिर में शादी रचाये। जिसका गवाह ग्रामीण बने।
जानकारी के अनुसार मामला महराजगंज के पनियरा थाना के एक गांव का है। जहा शादी शुदा महिला गांव के दूसरे युवक से कनेक्ट हो गयी। दोनों के बीच प्रेम सम्बंध प्रगाढ़ हो गया उधर शादी केदोनों के बीच सामान्य जीवन चल रहा था। लेकिन कुछ समय बाद महिला का प्रेम प्रसंग गांव के ही एक अन्य युवक से शुरू हो गया। इसके बाद दोनों चोरी-छिपे मिलने लगे। यह सिलसिला बढ़ता गया और महिला प्रेमी के दो बच्चों की मां बन गयी। पति को भनक भी नही लगने दिया। बच्चो के जन्म पर जश्न भी हुआ। पति की अनदेखी का फायदा उठाते हुए महिला का अपने प्रेमी से रिलेशन चलता रहा। लेकिन मामला आखिरकार सामने आ ही गया। हाल ही में महिला अपने पति की गैर मौजूदगी में फिर से प्रेग्नेंट हो गयी। सात महीने की गर्भवती हुई, तब मामले का सच सामने आया। महिला के प्रेग्नेंट होने की जानकारी जब पति को हुआ तो उसके होश उड़ गए। इसके बाद पति के पूछने पर अवैध संतान के साथ ही उसके साथ हुए धोखे से एहसास हुआ। आहत पति ने पत्नी को घर से निकाल दिया। जिसके बाद वह अपने प्रेमी के यहां पहुंची। महिला का प्रेमी पहले तो शादी से इंकार करने लगा लेकिन महिला के जिद पर प्रेमी प्रेमिका इसके बाद दोनों पनियरा नगर पंचायत के रहसु गुरु मंदिर पहुंचे, जहां रीति-रिवाज से शादी कर ली इस दौरान मंदिर में भारी भीड़ जमा हो गई
रिपोर्ट-श्रोत
उपरोक्त विवाहित महिला संबंधी खबर जिसमें महिला विवाहित होते हुए भी प्रेमी के साथ विवाहित जीवन बिताती रही।सामाजिक मूल्यों में आए बदलाव का द्योतक है। अभी तक यह विशेषाधिकार समाज में पुरुषों को ही था।तथापि कि यह आचरण निंदनीय था।अतः कम ही लोग इस मार्ग पर चलते थे।चले भी तो सम्हल जाते थे।अब पश्चिमीकरण,धर्म के भय की समाप्ति ,भौतिकता की चकाचौंध ने समाज को खुलेपन की और धकेला है।यह स्वागत योग्य भी है और चिंताजनक भी। महिलाओं को समान अधिकार होने चाहिए पर वह सकारात्मक हों न कि नकारात्मक।स्त्रियां पारिवारिक जीवन की धुरी हैं।उनका भटकाव समाज को भटकाता ही जाएगा।