अलीनगर, चन्दौली व सैयदराजा से हर रोज निकल रहे 30- 35 मैजिक
Chandauli news: गौ तश्करों पर कागजी आंकड़ों में सबसे अधिक कार्यवाही का रिकॉर्ड दर्ज कराने वाली पुलिस के लिए गौ तश्कर सोने का अंडा देने वाली मुर्गी से कम नही। हर रोज 30-35 गाड़ियां गौ वंश लेकर बिहार जा रही है। लेकिन इन्हें कोई रोकने वाला नही है। कारण की यह थानों के पिकेट के साथ साथ डायल 112 के पीआरबी को उनके हिस्से का पैसा हर रोज देती है। कार्यवाही के नाम पर पूर्व में पकड़े गए गौ तश्करों पर गैंगेस्टर की कार्यवाही कर दुरुस्त ब्यवस्था का आंकड़ा भी शासन को भेजा जा रहा है
एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें एक मोटरसाइकिल सवार गौ वंश के इस खेल का वीडियो बनाया है। इस वीडियो में पीआरबी प्वाइंट पर पैसा फेंकते हुए गाड़ियां आगे बढ़ती जा रही है। गाड़ियों के आगे बढ़ने पर पीआरबी पर तैनात सिपाही आकर पैसा उठा रहा है। वही सैयदराजा बार्डर के पिकेट पर बकायदे रुककर पैसे का लेन देंन करके आगे बढ़ जा रही है। एक साथ दो से तीन की संख्या में यह गाड़ियां 30-35 की संख्या में प्रतिदिन गौ वंश बिहार बार्डर पार करा रही है।
पुलिस सूत्रों की माने तो अलीनगर व सैयदराजा में चार चार पिकेट लगती है। वहीं वहीं चंदौली की पुलिस कारखास के माध्यम से लीलापुर के समीप ढाबे के आया पास वसूली करती है। थाना पुलिस के अलावा चन्दौली और सैयदराजा की पीआरबी का प्वाइंट स्थल है। जहां वह खड़ी रहती है। उन सभी के लिए भी गौवंश लेकर जाने वाली मैजिक व पीकप पैसा फेंकते हुए आगे बढ़ जाते है।
थानों के 2500 व पीआरबी का 100₹ निर्धारित शुल्क:
जौनपुर, प्रयागराज से गौ वंश लेकर पीकप व मैजिक बिहार तक जाती है। इसमें एक गाय व दो गाय का ट्रेंड है। जिन वाहनों पर एक गाय लदी होती है वह अलीनगर व सैयदराजा के पिकेट पर 2500₹ चन्दौली के ढाबे पर 2500₹ देती है। वहीं दो गौवंश वाली गाड़ियां 3500₹ देती है। जबकि बड़ी गाड़ियां 12000₹ / गाड़ी महीने में देती है। पीआरबी के प्वाइंट पर 100₹/ गाड़ी बंधा है। इन वाहनों की संख्या एक दिन में 30-35 है। सूत्रों का कहना है कि रात्रि के 12 बजे से तीन बजे के बीच यह गाड़ियां तेजी से पार होती है। जबकि एक दो गाड़ियां बीच में अंतराल बनाकर दिन में निकल जाती है।
पीआरबी से साहब करते है गाड़ियों का मिलान:
तश्करों का बंधा पैसा अपने विभगीय पिकेट वाले कर्मी कुछ बेमानी न कर लें इसका बकायदे एक साहब पीआरबी से मिलान करते है। सूत्रों का कहना है कि बकायदे साहब सुबह जगने के बाद रात्रि के पीआरबी से यह पुष्ट कर लेते है कि कितनी गाड़ियां बार्डर पार गयी है। जिससे हिसाब में पिकेट वाले गड़बड़ी न करने पाएं।
बात बात में गांधी, डा अंबेडकर के संविधान का हवाला देने वाले नेता और उनकी जी हुजूरी करने वाले अधिकारी संविधान की दो पैसे के बराबर भी परवाह नहीं करते।ये सब बस बोलने की चीजें हैं। आश्चर्य है आजादी के 76 साल बाद और ब्राह्मण सांसद के होने के बाद भी इस पुण्यभूमि से बिहार होते हुए बांग्लादेश के गो मांस भक्षिओं के लिए भारत यही सप्लाई कर रहा है।भाजपा शासन में भी यह बदस्तूर जारी है। थूकने का मन कर रहा सभी जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों पर।मजाल नही है कि जिले के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ईमानदार हों और थानेदार,दारोगा और सिपाही ऐसी हरकत कर पाएं।