क्राइमचंदौली

गुमशुदगी की कहानी…. पार्ट 10

गाड़ी का चार डिजिट नही हुआ याद, बदमाशो के मोबाइल नम्बर तोते की तरह रटा

चन्दौली। सकलडीहा के ब्यापारी का अपने घर से तकादा के लिए निकलना, घर वापस घर न आना परिजनों की परेशानी बढ़ा दिया था। सात दिन तक घर वापसी न होने पर पुलिस से लेकर आम आदमी घटना को लेकर चिंतित हो गया। पुलिस पूरी ऊर्जा के साथ लग गयी। ब्यापारी भी समर्थन में अपने ब्यवसाय को बन्द कर समर्थन में सड़क पर आ गए। जिसका परिणाम रहा कि आधी रात में ब्यापारी रहस्यमय ढंग से बबुरी के मवैया में मिल गया। सामान्य स्थिति में गुमशुदगी की रिपोर्ट पर पुलिस खोजबीन करती है। गुमशुदा ब्यक्ति के मिलने पर मेडिकल परीक्षण कराकर परिजनों को सौंप देती है। लेकिन ब्यापारी के गुमशुदगी पर जो बवाल हुआ इसके कारण पुलिस को ब्यापारी से लगभग 20 घण्टे पूछताछ करना पड़ा। पूछताछ में उसके बयान कई राज खोल दिये।

पुलिस के पूछताछ में ब्यापारी ने अपने आप को बन्द मालवाहक गाड़ी में अपहरण करने की बात बतायी। उसने बताया कि मालवाहक कन्टेनर से चार की संख्या में उतर के लोग उसके पास आये। उससे उसके नाम से पूछे। इसके बाद कोई नशीला पदार्थ सूंघा दिए। जिससे वह अर्धबेहोश हो गया। चार की संख्या में लोग उसे सकलडीहा के ब्यस्ततम तिराहे से उठा ले गए और कोई देखा नही। जबकिं जिस स्थान पर घटना बताया उसके चंद कदम की दूरी पर आधा दर्जन दुकान रात्रि के दस बजे के बाद बन्द होते है। पुलिस को दैनिक क्रिया के बाबत जानकारी देते हुए बताया था कि पहले दिन उसके आंख पर पट्टी बांध कर रखा। इसके बाद बिना पट्टी के गाड़ी से उतारते थे। मालवाहक से अपहरण होने से लेकर सात दिन में लगभग 21 बार गाड़ी से उतरने व चढ़ने का क्रम जारी रहा। लेकिन बीआर के अलावा गाड़ी का कोई नम्बर ब्यापारी को याद नही हो सका।

यह जरूर रहा कि बदमाशों ने ब्यापारी के अपहरणकर्ता किसी का नम्बर मिलाने के लिए आपस मे एक दुसरे से बात कर रहे थे। जिस नम्बर को बोलकर इन सभी ने अपने मोबाइल से डायल किया। वह नम्बर ब्यापारी को तोते की तरह रटा गया था। ब्यापारी ने उस नम्बर को पुलिस से सार्वजनिक किया। इस नम्बर का इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जब पुलिस ने इकट्ठा किया तो वह ब्यापारी घर के आस- पास का निकला। पुलिस उक्त ब्यक्ति तक पहुंचकर जब पूछताछ किया तो पिछले कई वर्ष से उक्त ब्यापारी का पारिवारिक झगड़ा सामने आया।

गुमशुदगी की गुत्थी की रोचक जानकारी के लिए पढ़ें….newsplace.in का अगला अंक पार्ट 11

मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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