मुगलसराय के सैदपुरा गांव का मामला, बिजली बकायेदारों के घर छापेमारी करने गया था बिजलेंस का सिपाही
सकलडीहा विधान सभा से चुनाव लग चुके है बीजेपी नेता
Chandauli news: सत्ता का नशा शायद जो उसका असली हकदार है उसे चढ़े न चढ़े लेकिन झंडा लगाकर लक्जरी गाड़ी पर चढ़ने वालो को जरूर चढ़ जाता है। कुछ ऐसा ही वाक्या अलीनगर थाना अन्तर्गत सैदपुरा गांव में घटित हुआ। जब अवैध बिजली कनेक्शन को चेक करने विद्युत विभाग के साथ पुलिस के वर्दी में विजलेंस के लोग गए थे। यहां अभी जांच के नाम पर निरिक्षण चल ही रहा था तभी अवैध ढंग से बिजली का लाभ ले रहे लोंगो को यह नागवार गुजरा।
इसी बीच में कुछ लोंगो ने कभी प्राइमरी स्कूल और उसके बाद इंटर कालेज का स्कूल चलाने वाले एक कथित सत्ताधारी दल के नेता को फोन कर दिया। चूंकि इनके उपर किसी बड़े राजनेता का हाथ होने से एक बार नही बल्कि दो दो बार चुनाव में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी है। लेकिन यह प्राइमरी से चलकर राजनीत के पायदान पर चढ़ने की बहुत आतुरता है। इससे जब यह चलते है तो इनकी लक्जरी गाड़ी में गांव गिराव के सीधे साधे नही बल्कि मुसतन्डे सवार रहते है। अब चूंकि बिजली चोरी की जांच सैदपुरा गांव में करने बिजलेंस के लोग भी साथ में है। तब यह जानकर इन लोंगो की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ गयी।
गाड़ी से उतरते ही बिजली चोरी की जांच कर रहे लोंगो को आक्रोशित बचनों की तड़ातड़ बौछार करने लगे। इसी बीच में ऐसी भाषा सुनकर एक वर्दी धारी जो बिजलेंस का सिपाही विनोद था। उसने आपत्ति प्रकट कर दिया। बस इसके बाद तो दिनदहाड़े लबे सड़क पर तांडव मचाना शुरू हो गया। माल खाकर डीलडाल बनाने वालों ने सीधे कानून को अपने हाथ में ले लिया। वर्दी पहने सिपाही को लात घुसा व कोहनी से पीटकर भयंकर प्रहार कर अपने गाड़ी में लाद लिया। आस पास के लोग भौचक थे यह लोग तो सत्ताधारी दल से जुड़े हुए लोग है । जहां प्रदेश के मुखिया कानून का पालन कराने के लिए दिन रात एक किये हुए है। उनकी पार्टी के लोग किसी ऐरे गैरे पर नही बल्कि एक वर्दी पहने पुलिस कर्मी पर ऐसा निंदनीय कृत्य कर रहे थे।
बिजली विभाग वाले यह देख भाग खड़े हुए जब वर्दी धारी की यह स्थिति है तो फिर उनकी क्या गति होगी। इसके बाद सभी लोग अलीनगर थाने पहुंचने लगे। जहां सत्तादल के लोग जुटने लगे थे। वहीं मामले में लीपापोती के प्रयास शुरू हो गया था। उल्लेखनीय है कि इन लोंगो ने सत्ता का नशा पिछले दिनों सदर कोतवाली क्षेत्र में लबे सड़क पर दिखाया था। दो तीन ब्यक्तियों को सड़क पर जमकर पीटने के बाद सदर कोतवाली में लेकर पहुंचे थे। वहां पुलिस यह पूछने की बजाय की सड़क पर मारने का अधिकार किसने दिया। इस तरह का पूछताछ न करके बकायदा अपनी कुर्सी बरकरार रहे। इसको देखते हुए इन लोंगो का आतिथ्य सत्कार किया गया। उंसके बाद बकायदे चाय पिलाकर हाथ जोड़ते हुए विदा किया गया था। मामले में लीपापोती कर दिया गया।