उदीयमान सूर्य के अर्घ्य के साथ महाआस्था पर्व का समापन
Chandauli news: उगअ हो सूरुज देव भोर भिनसरवा अरगिया के बेरिया न हो…. चार दिवसीय महाआस्था का पर्व सोमवार को उदीयमान सूर्य के साथ समाप्त हो गया। भगवान भाष्कर को गाय के दूध का अर्घ्य दिया गया। 36 घण्टे के निर्जला व्रत का समापन भगवान सूर्य के अर्पित प्रसाद को ग्रहण कर किया।
चारदिवसीय सूर्योपासना का यह ब्रत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि में नए चावल व लौकी चने की सब्जी(नहाय खाय)से प्रारम्भ होकर सप्तमी तिथि को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य व अनुष्ठान का हवन पूजन के साथ समाप्त किया जाता है। कहा जाता है कि जिसका उदय हुआ है उसका अस्त होने निश्चित है। लेकिन महाआस्था का यह पर्व इस बात से परे एक अलग संदेश देते हुए … जो अस्त होता है उसका उदय निश्चित है।
सोमवार की भोर में भगवान भाष्कर के पूजन को व्रती महिलाएं उनके परिजन घाट पर पहुंचने लगे थे। व्रती महिलाएं ब्रह्ममुहूर्त में कमर से ऊपर तक के जल में पूर्वाभिमुख होकर हाथ में हल्दी व चावल का लेप लगाकर, अगरबत्ती लिए हाथ जोड़ भगवान सूर्य के उदय होने की प्रतीक्षा में आस लगाए खड़ी जल में खड़ी रही।
सामान्य दिनों में सूर्योदय का समय 6:18 पर हो जाता है। लेकिन सोमवार को प्रतीक्षा में भगवान परीक्षा ले रहे थे। व्रती व उनके परिजनों को उत्सुकता रहा। आकाश में लालिमा के को देख भगवान भाष्कर को दुग्ध का अर्घ्य दी।
आस्था में कोई अनर्थ न होने पाए इसके लिए सुरक्षा ब्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन मुस्तैद रही। व्रतियों पूजन करने वाले जहाँ तड़के सुबह घाट पर पहुंच रहे थे उसके पूर्व पुलिस के लोग निश्चित स्थान पर पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था संभाले हुए थे। नगर के साव जी पोखरा पर पहुंचने के नेशनल हाइवे को पार कर जाने के लिए बने जेब्रा लाइन, जिलाचिकित्सालय, डॉक बंगला रोड़, काली माता मंदिर वही डीडीयू नगर में दामोदर दास पोखरा पर होने वाली भीड़ व स्टेशन पर भी ट्रेन पकड़ने वालों को परेशानी न होने पाए इसके लिए यातायात पुलिस मुस्तैदी के साथ जुटी रही।