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पूर्व मंत्री के गनर सहित 7 सिपाही सैयदराजा से लाईन हाज़िर

विभागीय हलचल के बगैर सेट से जारी हुआ आदेश

आधी रात में लाईन हाजिर का आदेश जारी होते मचा हड़कम्प

Chandauli news: शनिवार की देर रात्रि गश्त से वापस आवास पहुंचने से पहले पुलिस कमांडर माउंट सेट उठाते है। पूरा जिला चौकन्ना हो जाता है । कमांडर के दिशा निर्देश सुनने को। तभी सैयदराजा माउंट को आदेश निर्गत किया जाता है। कमांडर के आदेश अजय सिंह, विनय सिंह, अमित कुमार पाल, अमित मिश्रा, मनोज कश्यप, महाराणा प्रताप तथा कृष्ण कुमार सिंह को। तत्काल जीडी से लाइन में आमद कराने के लिए रिलीव करते हुए  लाइन में आमद करने लिए कहा। सैदराजा माउंट नोटेड सर जैसे ही कहा। पूरे जिले में हड़कम्प मच गया। रात्रि में ही इन सभी को जीडी पर लाइन के लिए रवाना कर दिया गया। हालांकि इस देर रात्रि की गस्ती में कुछ ऐसे भी नाम है वर्तमान समय में  पूर्व मंत्री के साथ है व एक ब्यक्ति विश्वनाथ मन्दिर की वीआईपी ड्यूटी में है।

सूत्रों की माने तो पुलिस अधीक्षक की गोपनीय जांच में पता चला है कि ड्यूटी भले ही दूसरे स्थान पर है लेकिन थाने में उनकी हिस्सेदारी से अधिक इन लोंगो के पास पहुंचता है। अचानक गश्त  से वापस आने के बाद यह कार्यवाही से विभाग में हड़कम्प मचा दिया है। पूर्व के आदेशों का शत प्रतिशत पालन न करने वालों की बेचैनी बढ़ गयी है। जनपद आगमन के बाद वसुलिकर्ताओं को रडार पर रखने वाले पुलिस अधीक्षक बलिया के नरही कांड के बाद से और सजक और सतर्क हो गए है। सूत्रों की माने तो गौ तश्करी, शराब तश्करी में हिस्सेदारी करने  वालों का सुराग मिलते ही बड़ी कार्यवाही होने की उम्मीद है।

इस सम्बंध में पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे का कहना है कि आदेशों का अवहेलना किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नही की जाएगी। ऐसे लोंगो की सूची मंगाई जा रही है। जल्द ही कार्यवाही की जाएगी

मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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One Comment

  1. डी आई जी मुनिराज जो कार्य किए। साइकिल से चल कर वस्तुस्थिति को देखने का।यह कार्य गोरे अंग्रेज कलेक्टर और एस पी प्रतिदिन करते थे।कार्य दिवस के दूसरे प्रहर में वह सिविल कपड़ो में जिसे मुफ्ती कहते थे। उसे पहन वह साइकिल से ऑफिस जाते थे।रास्ते में लोगों को निकट से देखते हुए,बात करते हुए।यह एक सहज और सामान्य दृश्य था। आज काले साहब लोग इतने बड़े हो गए हैं की यह खबर बन जाती है।

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